मयूर पंख की एक कहानी ये सब बच्चों की जुबानी। मयूर पंख की एक कहानी ये सब बच्चों की जुबानी।
कान्हा तू ये दृश्य अनोखा, बोल कहां से लाया है, कान्हा तू ये दृश्य अनोखा, बोल कहां से लाया है,
फिर से जी लूँ मैं अपनी ज़िंदगी देखकर तुम्हें। फिर से जी लूँ मैं अपनी ज़िंदगी देखकर तुम्हें।
रंग बिरंगे फूलों से हर गुलशन है महकाये बूंदे करती रिम झिम रिम झिम जब भी बारिश आये रंग बिरंगे फूलों से हर गुलशन है महकाये बूंदे करती रिम झिम रिम झिम जब ...
नाचे मयूर जिसके आने से वो भी कुछ घबरा गया नाचे मयूर जिसके आने से वो भी कुछ घबरा गया
नाचते कूदते रहते हैं बारिश की बूँदों पे देकर के ताल जब हम नाचते कूदते रहते हैं बारिश की बूँदों पे देकर के ताल जब हम